उत्तराखंड में निकाय चुनाव से पूर्व की तैयारियां आगे बढ़ने लगी हैं। करीब डेढ़ साल से सर्वेक्षण कर रहे एकल सदस्यीय समर्पित आयोग ने ओबीसी सर्वे पूरा कर लिया है। इसी महीने आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकता है। इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही निकायों में मेयर व पार्षद, सभासदों के पद आरक्षित होंगे। प्रदेश में अगले साल निकाय चुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग इन दिनों मतदाता सूची तैयार कराने में जुटा हुआ है। इस बीच एकल सदस्यीय समर्पित आयोग भी ओबीसी सर्वेक्षण करा रहा था। अब आयोग ने सर्वेक्षण के हिसाब से सभी निकायों में जनसुनवाई पूरी कर ली हैं।
आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण का काम पूरा होने के बाद अब अंतिम रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसी माह रिपोर्ट तैयार हो जाएगी और मुख्यमंत्री को सौंप दी जाएगी। हालांकि, निर्वाचन आयोग फरवरी में अंतिम मतदाता सूची जारी करेगा। तब तक आम चुनाव की आचार संहिता भी लागू हो जाएगी, जिसके बाद ही निकाय चुनाव हो पाएंगे। एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की रिपोर्ट के आधार पर इस बार निकाय चुनाव में ओबीसी सीटों का आंकड़ा बदलने वाला है। मैदानी जिलों में जहां ओबीसी की सीटें बढ़ेंगी, तो पर्वतीय जिलों में इनकी संख्या में कमी आएगी। इसी प्रकार मेयर, पालिकाध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष के पदों पर भी ओबीसी का गणित बदलने वाला है।