मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नरेंद्रनगर में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में प्रतिभाग करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व अन्य महानुभावों का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने इस महत्वपूर्ण बैठक को उत्तराखण्ड में आयोजित करने हेतु केंद्रीय गृह मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद केंद्र तथा राज्यों के मध्य आपसी सहयोग एवं समान प्रकार के मामलों में सेतु के समान है। परिषद आपसी विचारों एवं अनुभवों को साझा करने का भी सशक्त माध्यम है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड से संबंधित कतिपय नीतिगत विषयों का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का 71 प्रतिशत भूभाग वन क्षेत्र से आच्छादित है। उत्तराखण्ड में पर्यावरणीय प्रतिबंधों के कारण विकास कार्यों के संचालन में कतिपय कठिनाइयां रहती हैं, जबकि हमारे आर्थिक संसाधन भी सीमित हैं। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि वैज्ञानिक आधार पर बरसाती नदियों को ग्लेशियर आधारित नदियों से जोड़ने का अभिनव प्रयास किया जाना चाहिए, इसका लाभ न केवल उत्तराखण्ड को बल्कि पूरे देश को होगा। उन्होंने इसके लिये उत्तराखण्ड सहित अन्य मध्य क्षेत्रीय राज्यों को केंद्र सरकार से तकनीकि एवं वित्तीय सहयोग दिये जाने पर भी उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपने सीमांत क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऑल वेदर रोड के अन्तर्गत राज्य में तेजी से काम हो रहा है परन्तु इसे सीमान्त क्षेत्र तक बढ़ाने की आवश्यकता है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की तर्ज पर राज्य के दूसरे मण्डल में टनकपुर से बागेश्वर रेलवे लाइन का निर्माण किया जाना भी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का आपदाओं जैसे भूस्खलन, अतिवृष्टि, वनाग्नि, ग्लेशियर खिसकना इत्यादि से चोली दामन का साथ है। इसके लिये राज्य को एक सशक्त वेदर फोर कास्टिंग सिस्टम, डॉप्लर रडार से युक्त अवस्थापना की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 को “अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट ईयर” घोषित किया गया है, अतः मिड डे मील में अनिवार्य रूप से बच्चों को मिलेट प्रदान किया जाए ताकि बच्चे स्वस्थ रहें। उन्होंने इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय तथा खाद्य मंत्रालय के समन्वय से समुचित कार्यवाही किए जाने का अनुरोध किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक काशी विश्वनाथ की नगरी में आयोजित किये जाने का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान उत्तराखण्ड व हिमाचल के साथ हिमालयी राज्यों को आपदा का सामना करना पड़ा है। अब कई नए क्षेत्र भी इसमें शामिल हो रहे हैं। उन्होंने नदियों के केचमेंट एरिया को सुरक्षित किए जाने के साथ ही नदियों के चैनलाइजेशन की दिशा में पहल किये जाने की बात कही।इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस सन्धु के साथ ही सचिव गण उपस्थित थे।