उत्तराखंड स्टिंग मामले में एक बार फिर से सीबीआई ने जांच तेज कर दी है। नए विवेचना अधिकारी ने न्यायालय के माध्यम से नोटिस भेज मंत्री सुबोध उनियाल समेत कई नेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया है। हरिद्वार के एक विधायक बयान दर्ज करा चुके हैं।
वर्ष 2016 में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार में बगावत के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग सामने आया था। आरोप था कि हरीश सरकार बचाने के लिए विधायकों का मोलभाव कर रहे थे। वहीं, एक अन्य स्टिंग में कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा था। इसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के भी शामिल होने की बात भी थी।
दावा था कि यह दोनों स्टिंग उमेश कुमार ने कराए हैं। दो साल पहले सीबीआई ने पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, मदन सिंह बिष्ट और वर्तमान विधायक और पत्रकार उमेश कुमार के आवाज के नमूने लेने के लिए नोटिस भेजे थे। इसमें कुछ ने नमूने दे दिए थे।
कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि टीम ने मौके पर मिले फिरोज अंसारी पुत्र मोहम्मद यूसुफ निवासी मोहल्ला घोसियान ज्वालापुर से पूछताछ की। उसने खुद को औषधि निर्माता बताया, लेकिन औषधि निर्माण के लिए आवश्यक किसी भी प्रकार का लाइसेंस प्रस्तुत नहीं कर पाया।
घर की तलाशी लेने पर 16 पेटी हलवा फौलादी, छह पेटी मेडिसिन रैपर, दो बोरी कच्चा माल, 20 कट्टे खाली प्लास्टिक डिब्बे और कैप्स, एक पेटी मेडिसिन लेबल, दो गैस सिलिंंडर, तीन हांडी और एक पिसाई मशीन बरामद हुई है।
आरोपी फिरोज शरीफी हर्बल कंपनी में ही काम करता था। वहां से नौकरी छोड़ने के बाद अहबाबनगर में गोदाम किराये पर लेकर खुद दवाएं बनाकर लोगों को बेचने लगा। उन्होंने बताया कि मुकदमा दर्ज कर आरोपी फिरोज अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया। बुधवार को उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।