प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम धामी से सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में फोन पर वार्ता कर ली जानकारी

उत्तरकाशी के यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मलबा हटाने का कार्य जारी है। मलबा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी सीएम पुष्कर सिंह धामी से टनल में फंसे श्रमिकों के बारे में जानकारी ली।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि कि विभिन्न राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। सीएम धामी ने सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, प्रधानमंत्री ने दूरभाष के माध्यम से सिल्क्यारा के पास निर्माणाधीन टनल में हुई दुर्घटना में फंसे श्रमिकों की वस्तुस्थिति की जानकारी ली। इस दौरान उन्हें फंसे हुए लोगों को सकुशल बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों से अवगत कराया।

सीएम ने आगे लिखा, ‘आज स्वयं भी घटना स्थल का स्थलीय निरीक्षण कर बचाव कार्य के लिये आवश्यक उपकरणों की अतिशीघ्र आपूर्ति हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है। रेस्क्यू ऑपरेशन में ग्राउंड जीरो पर स्थानीय प्रशासन की सहायता हेतु केंद्रीय एजेंसियां और एक्सपर्ट भी तैनात हैं।’

आपको बता दें कि चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से पोलगांव के बीच राज्य की सबसे लंबी (4.5 किमी) सुरंग बनाई जा रही है। जिसमें अब करीब 500 मीटर हिस्सा ही सुरंग के आर-पार होने के लिए बचा है। दिन-रात दो शिफ्ट में मजदूर इस सुरंग का निर्माण कार्य कर रहे हैं।

बीते शनिवार रात आठ बजे शिफ्ट शुरू हुई थी। जिसमें 40 से 50 मजदूर काम पर गए थे। यह शिफ्ट रविवार को बड़ी दीपावली के दिन सुबह 8 बजे खत्म होने वाली थी। जिसके बाद सभी मजदूर दीपावली की छुट्टी मनाने के लिए उत्साहित थे। लेकिन इससे पहले ही सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से 230 मीटर अंदर सुरंग टूट गई। पहले धीरे-धीरे मलबा गिरा। जिसे सभी ने हल्के में लिया।

फिर अचानक भारी मात्रा में मलबा आया और सुरंग बंद हो गई। इस दौरान 3-4 मजदूरों ने भाग कर अपनी जान बचाई। लेकिन अन्य सुरंग के अंदर ही फंस गई। जिनकी संख्या 35 से 40 के करीब बताई जा रही है। सुरंग के निर्माणकार्य में लगे झारखंड निवासी मजदूर हेमंत नायक ने बताया कि 12 घंटे की शिफ्ट में करीब 65 से 70 मजदूर काम करते हैं।

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