जालसाजों ने बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट को सरकारी जमीन बेच डाली। उन्हें जब फर्जीवाड़े का पता चला तो उन्होंने जालसाजों की शिकायत की। लंबे समय तक जालसाज ये कहकर परेशान करते रहे कि वह उन्हें दूसरा प्लॉट दे देंगे। बदले में एक बार चेक भी दिए तो वे भी बाउंस हो गए। अब जब इंतहा हुई तो पीड़ित ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
एसओ रायपुर कुंदन राम ने बताया कि थाने में शिकायत डिप्टी कमांडेंट भूपेंद्र सिंह रावत ने की है। वह हाल में गुजरात के भारत-पाक बार्डर पर तैनात हैं। उन्होंने अपनी पत्नी के नाम आशु शर्मा पत्नी नीरज शर्मा निवासी कासा टेरजा अपार्टमेंट कैनाल रोड हाल निवासी गोपाल विहार, डांडा से डांडा लखौंड में 2020 में एक प्लॉट खरीदा था।
उस वक्त कोविड काल चल रहा था। जमीन की रजिस्ट्री के बाद दाखिल खारिज भी आरोपियों ने करा दिया। कब्जे के लिए जब रावत ने वहां तारबाड़ करानी शुरू की तो प्रशासन ने इस पर अपना हक जताते हुए तारबाड़ हटा दी। उस वक्त रावत को पता चला कि यह सरकारी जमीन है।
कुछ समय बाद वह भारत-बंग्लादेश सीमा पर तैनात हो गए। उन्होंने जमीन की डील में शामिल आशु शर्मा, नीरज शर्मा और अंजलि शर्मा निवासी काशीपुर, ऊधमसिंहनगर से बात की। उन्होंने झांसा दिया कि वह दूसरी जगह जमीन दिला देंगे या रकम वापस कर देंगे। पीड़ित को आरोपियों ने रजिस्ट्री की रकम के चेक दिए। आरोप है कि यह चेक बैंक में बाउंस हो गए।
पीड़ित की पत्नी अनिता रावत ने बीते 18 मई को मामले को लेकर रायपुर थाने में शिकायत की थी। उस वक्त पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। एसएसपी अजय सिंह के निर्देश पर रायपुर थाना पुलिस ने आरोपी आशु शर्मा, नीरज शर्मा और अंजलि शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर किया है।