तीन प्रदेशों में बुरी तरह पराजित कांग्रेस के भीतर अब उसके बड़े नेता पार्टी की रणनीति में बड़े बदलाव की खुलकर पैरवी करने लगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हरीश रावत ने कहा कि हमसे कुछ ऐतिहासिक गलतियां हुई हैं। इस कारण तुष्टिकरण के आरोप लगे। हरीश रावत ने कहा कि सनातन और कांग्रेस एक- दूसरे के पर्यायवाची हैं। दोनों में सहिष्णुता है। भाजपा ने विष फैलाकर 80 प्रतिशत हिंदू आबादी को 18 प्रतिशत आबादी से डरा दिया है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस को मिली हार के कारणों पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खुलकर अपना रुख साफ किया। सनातन धर्म के मुद्दे पर भाजपा के हाथों कांग्रेस को चुनावी राजनीति में मिल रही हार पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लड़ाई हिंदुओं के साथ नहीं है। कुछ लोग जब हिंदुओं का रक्षा कवच पहनकर खड़े हो जाते हैं तो कठिनाई देखने को मिलती है। यह भावना और धार्मिक विचार कांग्रेस की समझ में नहीं आ रहा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि हिंदुत्व को लेकर भाजपा जो खेल खेलती है, उसे समझना होगा। उस हिंदू को डराया जा रहा है जो 80 प्रतिशत है। राम, कृष्ण, गांधी, सुभाष, महाराणा प्रताप इसी समाज से पैदा हुए हैं। अब इसका जवाब ढूंढना ही होगा।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि राम मंदिर का दरवाजा कांग्रेस ने खुलवाया, लेकिन उसके बाद शाहबानो मामले में कदम उठाए। इससे तुष्टिकरण के आरोप लगे। भाजपा ने इसी का लाभ उठाया। लालकृष्ण आडवाणी ने इसे मुद्दा बनाया और आरएसएस ने इसे घर-घर तक पहुंचा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के साथ प्रतिस्पर्धा में गलती कर गई। कांग्रेस को इन दलों के फेल होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि भाजपा के हिंदुत्व में संकीर्णता है। कांग्रेस अपनी सोच को आक्रामकता के साथ जनता तक पहुंचाने में विफल रही है।