पौड़ी : उत्तराखंड के पौड़ी जिले में अशासकीय स्कूलों में लिपिक एवं शिक्षकों की नियुक्ति की जांच में गड़बड़ी मिली है। एक स्कूल में एक्सपर्ट की असहमति के बावजूद मुख्य शिक्षा अधिकारी ने सहायक अध्यापक के पद पर शिक्षक की नियुक्ति के लिए अनुमोदन कर दिया। वहीं, एक अन्य स्कूल में लिपिक के पद के लिए हुई नियुक्ति में भी गड़बड़ी की बात सामने आई है।
प्रकरण की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने अपर निदेशक माध्यमिक को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पौड़ी गढ़वाल जिले के ग्राम पयासू निवासी राजेश सिंह ने जिले के अशासकीय विद्यालयों इंटर कालेज गढ़कोट, इंटर कालेज जखेटी एवं इंटर कालेज डांगीधार में नियुक्तियों में गड़बड़ी की शिकायत की थी।शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक गढ़वाल मंडल को दिए निर्देश के मुताबिक, शिकायत पर अपर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा से प्रकरण की जांच कराई गई।
जांच में मिला कि इंटर कालेज गढ़कोट मांडलू में सहायक शिक्षक हिंदी के पद पर भर्ती में विशेषज्ञ की असहमति के बावजूद नियमों को ताक पर रखकर तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी ने नियुक्ति के लिए अनुमोदन कर दिया। बताया गया कि मामले में विभाग की ओर से मुख्य शिक्षा अधिकारी का पूर्व में जवाब तलब भी किया गया, लेकिन अब तक संबंधित के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि एक अन्य स्कूल में लिपिक के पद पर भर्ती के लिए आरक्षित पद पर सामान्य व्यक्ति की नियुक्ति का मामला सामने आया है। वहीं, एक अन्य मामले में ऐसे व्यक्ति जिस पर गबन के आरोप में मुकदमा चल रहा, उसका अशासकीय स्कूल में प्रबंधक के पद पर नियुक्ति के लिए अनुमोदन कर दिया गया।
शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने अपर शिक्षा निदेशक को दिए निर्देश में कहा, इंटर कालेज गढ़कोट मांडलू, इंटर कालेज जखोटी एवं इंटर कालेज डांगीधार के मसले पर उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए। इसके अलावा सीईओ पौड़ी के स्तर से जो कार्रवाई होनी हैं, उन्हें इसके लिए निर्देशित करें। शिकायतकर्ता ग्राम पयासू निवासी राजेश सिंह के मुताबिक, जिले में एक व्यक्ति शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर दबाव बनाकर उनसे नियम विरुद्ध काम करा रहा है। संबंधित के खिलाफ कई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।