सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग डॉ. रंजीत सिन्हा ने आज सचिवालय में विभिन्न संस्थाओं के साथ आपदा के संबंध में समीक्षा बैठक की। इस दौरान वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान द्वारा बताया गया कि गंगोत्री ग्लेशियर की निगरानी की जा रही है, जिसमें उन्होंने बताया कि गंगोत्री ग्लेशियर के साथ बहुत सारी ग्लेशियर झीले हैं जो कि अत्यंत जोखिम के अन्तर्गत आती हैं। वाडिया संस्थान ने बताया गया कि इस ग्लेशियर में भी जोखिम अत्यधिक है, जिसकी निरन्तर निगरानी के लिए उपकरणों को लगाया जाना आवश्यक है।
भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान ने बताया कि उनके द्वारा भागीरथी, मन्दाकिनी, अलकनन्दा नदियों के निकट ग्लेश्यिर झीलों की निगरानी की जा रही है, जिसमें केदारताल, भिलंगना व गोरीगंगा ग्लेशियर का क्षेत्र निरन्तर विस्तृत होता जा रहा है, जो कि भविष्य में आपदा के जोखिम के प्रति संवेदनशील है। इस दौरान सचिव आपदा प्रबंधन ने ग्लेशियरों की निगरानी हेतु एक मल्टी डिसिपिलिनरी टीम गठित करने तथा USDMA द्वारा नोडल विभाग के रूप में कार्य करने के निर्देश दिए ।