राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र

देहरादून:- राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही आज सोमवार को उत्तराखण्ड विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया। सत्र की अवधि फिलहाल चार दिन ही रखी गयी है। अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने अपनी सरकार की पिछली उपलब्धियों का जिक्र करने के साथ ही आगामी कार्यक्रमों का उल्लेख भी किया। अभिभाषण में राज्यपाल ने विशेषकर समान नागरिक संहिता का विस्तार से उल्लेख किया है।  सोमवार को ठीक 11 बजे राज्यपाल ले. जनरल (सेनि) गुरुमित सिह ने अपने अभिभाषण की शुरुआत स्वाभाविक तौर पर ’’विकसित भारत’’ और ‘‘विकसित उत्तराखण्ड’’ के साथ ही 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने और 2025 तक ’’अगणी उत्तराखण्ड’’ बनाने के उल्लेख से की।

राज्यपाल के अभिभाषण का पहला बिन्दु ‘‘समान नागरिक संहिता’’ (यूसीसी ) का रहा। जिसमें कहा गया कि समान नागरिक संहिता का विधेयक पारित कराने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन गया है। जिसमें समान संहिता के अन्तर्गत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लायी गयी है। सभी धर्म और समुदायों की महिलाओं को विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, सम्पत्ति में समान अधिकार देते हुये सशक्त बनाया गया है। अभिभाषण में यूसीसी का प्रमुखता से उल्लेख तो है मगर कब लागू होगा, उसका कोई उल्लेख नहीं। यूसीसी बिल कहां गया, उसका भी उल्लेख नहीं है। समान नागरिक संहिता में कुछ जातियां क्यों छोड़ी गयी उसका भी उल्लेख नहीं।

राज्यपाल ने अपना अभिभाषण राज्य के विकास और सरकार के संकल्पों से संबंधित 40 बिन्दुओं पर केन्द्रित किया है। बिन्दुसंख्या 4 में राज्य में कानूनों को युक्ति संगत बनाने की बात कही है। इसमें कहा गया कि कानूनों के युक्तिसंगतीकरण की प्रकृया के अन्तर्गत भी राज्य सरकार द्वारा अनुपयोगी कानूनों का निरस्त (रिपील) करने की कार्यवाही की जा रही है। लगभग 1300 एक्ट व कानून चिन्हित किये जा चुके हैं। जिनमें से प्रथम चरण में 481 पुराने कानूनों को विलोपितध्समाप्त किया जा चुका है। राज्यपाल ने कहा कि बदरीनाथ को स्प्रिचुअल टाउन के रूप में विकसित किया जा रहा है। नयी पर्यटन नीति प्रख्यापित की जा चुकी है। टिहरी में वायु क्रीड़ा को बढ़ावा देने के लिये 5 दिवसीय एक्रो फेस्टिवल का अयोजन किया गया जिसमें 26 देशों के 54 विदेशी पायलटों ने भाग लिया। राज्य में ड्रोन प्रोत्साहन एवं उपयोग नीति -2023 प्रख्यापित की गयी है। उत्तराखण्ड में वन क्षेत्र का विस्तार हो रहा है। भारतीय वन सर्वेक्षण की वर्ष 2021 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य का वनावरण 24,305 वर्ग किमी पाया गया। जो कि पूर्व वर्ष के सर्वे आंकलन से 2 वर्ग किमी अधिक है।

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