हरिद्वार:- प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज नए सत्र 2024-25 से मेडिकल छात्र-छात्राओं को प्रवेश देकर शुरू कर दिया जाएगा। इससे धर्मनगरी के साथ ही जिलेभर के मरीजों को मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य सेवाएं भी मिलनी शुरू हो जाएंगी। उन्होंने शहर की स्वास्थ्य सेवाएं परखने और मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने के दौरान यह बात कही।
निर्माणाधीन मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल को 15 दिन के भीतर हैंडओवर करने के निर्देश दिए। शनिवार को स्वास्थ्य सचिव दोपहर करीब 12 बजे जिला अस्पताल में पहुंचे। उन्हाेंने सबसे पहले इमरजेंसी वार्ड का निरीक्षण किया। यहां मरीजों के उपचार को देखा। इसके बाद उन्होंने डेंगू आइसोलेशन वार्ड में भर्ती डेंगू के चार मरीजों और तीमारदारों से बातचीत की। उन्हें मिल रही स्वास्थ्य सेवाओं का फीडबैक लिया। उन्होंने निराश्रित महिला और पुरुष वार्ड में भर्ती मरीजों को फल भी बांटे।
स्वास्थ्यकर्मियों ने उन्हें बताया कि एम्स ऋषिकेश और दून मेडिकल कॉलेज में रेफर करने के बावजूद भी ऐसे मरीजों को वापस जिला अस्पताल में भेज दिया जाता है। इस पर सचिव ने अधिकारियों से वार्ता करने का आश्वासन दिया ताकि उन्हें दून और एम्स ऋषिकेश में भी आसरा मिल सके। बाल विभाग वार्ड में भर्ती बच्चों का हालचाल जाना। चिकित्सकों को बच्चों, डेंगू के मरीजों को बेहतर उपचार देने के निर्देश। कहा कि लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
महिला अस्पताल में उन्होंने निर्माणाधीन मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। अस्पताल के भवन को स्टोर बनाए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई। पाया कि 90 प्रतिशत कार्य निर्माण हो चुका है इसलिए 15 दिनों के भीतर शेष कार्य कराकर अस्पताल को हैंडओवर लेने के निर्देश सीएम को दिए। जिला अस्पताल का मुआयना करने के बाद मेला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के बाद सचिव लक्सर रोड जगजीतपुर में स्थित निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज की प्रगति देखने पहुंचे।
इस दौरान स्वास्थ्य सचिव ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। मार्च 2024 तक अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इससे 2024-25 बैच के मेडिकल छात्र-छात्राओं की कक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी। निरीक्षण के दौरान सीएमओ डॉ. मनीष दत्त, जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. सीपी त्रिपाठी, मेला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश गुप्ता, डॉ. संदीप निगम आदि मौजूद रहे।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि डेंगू को लेकर स्वास्थ्य महकमा सतर्क है। इसे लेकर पैनिक होने की बजाय सतर्क होने की जरूरत नहीं है। कहा कि बुखार पीड़ित मरीजों की रैपिड और एलाइजा जांच कराई जा रही है। उन्होंने कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव के अलावा फॉगिंग आदि पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। कहा कि आमजन को डेंगू के कारण, लक्षण और बचाव की जानकारी भी दी जाए। इसके लिए व्यापक अभियान चलाया जाए। जिस समय स्वास्थ्य सचिव जिला अस्पताल में निरीक्षण कर रहे थे, उस वक्त जिला अस्पताल में बदबू से बुरा हाल रहा। इससे पत्रकार और तीमारदारों और अन्य लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इससे जिला अस्पताल की साफ-सफाई की पोल स्वास्थ्य सचिव के निरीक्षण में ही खुलती रही। हालांकि, स्वास्थ्य सचिव ने इस पर कुछ नहीं बोला।
स्वास्थ्य सचिव के निरीक्षण करने की सूचना से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों में दिनभर हड़कंच मचा रहा है। सभी अपने-अपने कार्यालय में तैनात रहे। इससे वह सचिव के आने और निरीक्षण के दौरान सबकुछ ठीक रहने का इंतजार करते दिखे।