देहरादून:- प्रदेश के चार नगर निकायों में सीमा विस्तार का काम पूरा, अब बनेंगे वोटराज्य निर्वाचन आयोग ने नगर पालिका नरेंद्रनगर, रुद्रप्रयाग, हरबर्टपुर और नगर पंचायत कीर्तिनगर की मतदाता सूची पुनरीक्षण की अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य के चार नगर निकायों में सीमा विस्तार और परिसीमन पूरा होने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग यहां की मतदाता सूची पुनरीक्षण कराएगा। जो नए इलाके इन निकायों में शामिल हुए हैं, उनके निवासियों की वोट बनाने का काम 15 जून से शुरू होने जा रहा है।चार नगर निकायों में परिसीमन का काम पूरा न होने की वजह से शहरी विकास विभाग ने इनका प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग को नहीं भेजा था। अब परिसीमन पूरा होने के बाद प्रस्ताव भेजा तो राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी।
इसके मुताबिक, संबंधित जिलाधिकारियों को 10 से 12 जून तक संगणकों, पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करनी है। 13 जून को उनका प्रशिक्षण होगा। 14 जून से 28 जून तक वह घर-घर जाकर गणना व सर्वे करेंगे। 29 जून से एक जुलाई के बीच उन्हें वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट तैयार करना होगा। इसमें दो जुलाई से 21 जुलाई तक डाटा एंट्री होगी। 22 जुलाई को ड्राफ्ट प्रकाशित होगा, जिस पर 23 से 29 जुलाई के बीच आपत्तियां ली जाएंगी। 30 जुलाई से एक अगस्त के बीच इनका निस्तारण करना होगा और नौ अगस्त को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करनी होगी। एक जनवरी 2024 को 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके सभी युवाओं के भी वोट प्राथमिकता पर बनाने के निर्देश दिए हैं।
सभी 99 निकायों में चुनाव की तैयारी
अभी तक राज्य निर्वाचन आयोग ने 102 में से 93 निकायों में चुनाव की तैयारी की थी। नगर निगम रुड़की का कार्यकाल नवंबर में तो नगर पालिका बाजपुर का कार्यकाल जुलाई में पूरा हो रहा है। इस तरह इन दोनों को मिलाकर 95 नगर निकाय हो जाएंगे। इसके अलावा जिन चार निकायों में वोटर लिस्ट बनाने का काम शुरू होने जा रहा है, वहां भी इसके साथ ही चुनाव होंगे। कुल मिलाकर 99 नगर निकायों में चुनाव होंगे। नगर पंचायत बदरीनाथ, नगर पंचायत केदारनाथ, नगर पंचायत गंगोत्री हिमाच्छादित क्षेत्र होने के कारण चुनाव नहीं कराए जाते।
अभी और आगे खिसक सकते हैं चुनाव
नगर निकायों के चुनाव के लिए सबसे पहले ओबीसी आरक्षण में बदलाव को सरकार को एक्ट में संशोधन करना है। बुधवार को लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने जा रही है। इसके बाद इस एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। इस बदलाव को लागू करने के बाद जिलाधिकारियों के स्तर पर आपत्तियां व सुझाव मांगे जाएंगे। इनका निस्तारण करने के बाद जिलों से सभी निकायों के प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग को भेजे जाएंगे। इस आधार पर आयोग अधिसूचना जारी करेगा। करीब दो माह का समय लगने का अनुमान है। सरकार ने प्रशासकों के कार्यकाल तीन माह बढ़ाया है। अगस्त में मानसून की चुनौती भी सरकार के सामने है। माना जा रहा है कि निकाय चुनाव सितंबर-अक्तूबर में तक खिसक सकते हैं।