उत्तराखंड:- कांवड़ मेले में इस बार भी कांवड़ की ऊंचाई तय की गई है। कोई भी कांवड़िया सात फीट से अधिक ऊंची कांवड़ नहीं लाएगा। डीजे पर इस बार भी नियंत्रण रखने को कहा गया है। इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था के लिए सोशल मीडिया की निगरानी पर जोर दिया गया। कांवड़ मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अंतरराज्यीय व अंतरइकाई समन्वय बैठक में आठ राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने चर्चा कर दिशा निर्देश जारी किए। सोशल मीडिया को अधिक संवेदनशील माना और कहा कि निगरानी पहले से अधिक कड़ी की जाएगी।
मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त फोर्स तैनात करने और यातायात सुगम बनाने के लिए डायवर्जन प्लान तैयार करने को भी कहा गया। पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और सीआरपीएफ, रेलवे सुरक्षा बल, इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। इसमें कुछ अधिकारी ऑनलाइन भी जुड़े। डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि कांवड़ यात्रा से पहले उत्तराखंड ही प्रभावित होता था, लेकिन अब उत्तर भारत के तमाम राज्यों पर असर पड़ने लगा है। ऐसे में जरूरी है कि सभी राज्य सुरक्षा और यातायात को लेकर तैयार रहें। सभी राज्य सोशल मीडिया की निगरानी के लिए अतिरिक्त प्रबंध करेंगे।
ध्यान रखा जाए कि कोई ऐसा पोस्ट प्रसारित न हो, जिससे यात्रा प्रभावित हो। कांवड़ यात्रा में कोई उपद्रव होने पर इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आईजी इंटेलीजेंस कृष्ण कुमार वीके ने सोशल मीडिया के संबंध में जानकारी दी। हरिद्वार एसएसपी परमेंद्र डोभाल ने पुलिस की तैयारियों के बारे में जानकारी दी और पड़ोसी राज्यों से सहयोग की अपील की। एडीजी कानून व्यवस्था मेरठ जोन डीके ठाकुर ने कहा कि सभी चेकपोस्ट व बैरियरों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। इसकी फीड को हरिद्वार कंट्रोल रूम को दिया जाएगा। एडीजी कानून व्यवस्था उत्तर प्रदेश अमिताभ यश ने पूर्व में हुई आतंकी घटनाओं का उदाहरण देते हुए कांवड़ यात्रा के दौरान सतर्क रहने का सुझाव दिया। उन्होंने सीमावर्ती जिलों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने पर भी जोर दिया।
इन बिंदुओं पर हुआ विचार विमर्श
– कांवड़ियों पर सीसीटीवी और ड्रोन से नजर रखी जाएगी, ताकि कोई अनहोनी न हो।
– स्थानीय स्तर पर सीमावर्ती राज्यों के जनपदों के क्षेत्राधिकारी व थाना प्रभारियों के साथ समन्वय गोष्ठी करने का निर्णय लिया गया।
– यात्रा के दौरान कांवड़ियों को अपना परिचयपत्र साथ रखने, सात फीट से ऊंची कांवड़ न बनाए जाने, रेल की छतों पर यात्रा न करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
– बेहतर समन्वय के लिए कांवड़ यात्रा में नियुक्त सीमावर्ती प्रदेशों में नियुक्त अधिकारी हरिद्वार स्थित कंट्रोल रूम में बैठेंगे।
– आबादी वाले स्थानों, अस्पताल, स्कूलों व वरिष्ठ नागरिकों के आवासों के पास डीजे के प्रयोग पर नियंत्रण रहे।
– शिविरों में काम करने वाले लोगों का सत्यापन किया जाएगा।
– कांवड़ यात्रा के दौरान चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए उनके लिए अलग मार्गों का निर्धारण किया जाए। दिल्ली से ही चारधाम यात्रा मार्ग का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
– चिड़ियापुर बैरियर, नारसन चेकपोस्ट, लखनौता चेकपोस्ट, काली नदी बैरियर व गोवर्धन चेकपोस्ट पर संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की सीमावर्ती प्रदेशों के साथ संयुक्त चेकिंग की जाए।