असम में बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित, ब्रह्मपुत्र समेत नदियाँ खतरे के स्तर से ऊपर बह रही

असम:-  असम में बाढ़ के चलते 26 जिलों में लगभग 4.96 लाख लोग गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं, जबकि दो लोगों की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई। ब्रह्मपुत्र समेत राज्य की प्रमुख नदियां विभिन्न स्थानों पर खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं। बजाली उपमंडल के हालत सबसे अधिक खराब है, यहां 2.60 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अब तक 10,782.80 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न हो चुकी है। बजाली, बक्सा, बरपेटा, कछार, चिरांग, दरांग, धेमाजी, धुबरी, गोलपारा, करीमगंज, कोकराझार, माजुली और नलबाड़ी सहित कई जिलों में सड़कों और पुलों को नुकसान पहुंचा है। सात जिलों में 140 राहत शिविरों में 14,000 से अधिक लोगों ने शरण ले रखी है, जबकि अन्य 79 राहत वितरण केंद्र भी कार्यरत हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है जिससे जल स्तर और बढ़ सकता है।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नेमाटीघाट (जोरहाट) और धुबरी में ब्रह्मपुत्र खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। इसके अलावा कामरूप में पुथिमारी, नलबाड़ी में पगलागिया और बरपेटा में मानस नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सोनितपुर, बोंगाईगांव, दरांग, धुबरी, लखीमपुर, मोरीगांव, नलबाड़ी, दक्षिण सलमारा और उदलगुरी में बड़े पैमाने पर कटाव देखा गया है। बोंगाईगांव और दिमा हसाओ में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए येलो अलर्ट जारी करते हुए लोगों से सतर्क रहने को कहा है।  सात जिलों में 83 राहत शिविरों में 14,000 से अधिक लोग शरण ले रहे हैं, जबकि अन्य 79 राहत वितरण केंद्र भी कार्यरत हैं। अर्धसैनिक बल, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं (एफ एंड ईएस), नागरिक प्रशासन, गैर सरकारी संगठन और स्थानीय लोग राहत एवं बचाव कार्यों में लगे हुए हैं।

मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है, जिससे जलस्तर और बढ़ सकता है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया की गुरुवार तक करीबन  4.95  लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इस दौरान उदलगुड़ी जिले के तमुलपुर में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई है।  केंद्रीय जल आयोग (सीडब्यूडी) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रह्मपुत्र नदी नेमाटीघाट(जोरहाट) और दुबरी में अपने खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। वहीं पुथिमारी(कामरूप), पगलागिया(नलबाड़ी) और मानस(बारपेटा) नदियां अपने लाल निशान से ऊपर बह रही है।  क्षेत्रीय मौसम विभाग ने शुक्रवार को येलो अलर्ट जारी किया। उन्होंने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। अबतक 16 जिलें और अन्य चार संभाग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। बाढ़ की वजह से बजली संभाग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां 2.60 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। सात जिलों के 83 सुरक्षा केंद्रों में अबतक 14,000 लोगों को पहुंचाया गया है। अर्धसैनिक बल, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं (एफ एंड ईएस), नागरिक प्रशासन, गैर सरकारी संगठन और स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।

सोनितपुर, बोंगाईगांव, दरांग, धुबरी, लखीमपुर, मोरीगांव, नलबाड़ी, दक्षिण सलमारा और उदलगुरी में बड़े पैमाने पर कटाव देखा गया है।बोंगईगांव और दीमा हसाओ में बारी बारिश के कारण भूस्खलन भी देखने को मिला। बाढ़ के कारण बारपेटा, सोनितपुर, दरांग, नलबाड़ी, बक्सा, चिरांग, धुबरी, कोकराझार, लखीमपुर, उदलगुरी, बोंगाईगांव, धेमाजी और डिब्रूगढ़ में सड़के, पुल और अन्य संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो चुकी है।

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