बिहार:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जनता दल यूनाईटेड के कार्यालय पहुंचे। यहां पर उन्होंने पार्टी की महिला कार्यकर्ता और नेत्रियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। सीएम नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी राज्य या देश के विकास में महिलाओं का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। महिलाओं के सशक्तीकरण तथा उनकी सुरक्षा, शिक्षा एवं सामाजिक तथा आर्थिक विकास हेतु राज्य सरकार निरंतर प्रयत्नशील है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि महिलाओं के उत्थान के प्रति सदैव प्रयत्नशील रहें ताकि उनका सामाजिक एवं आर्थिक विकास हो सके और उन्हें एक सुरक्षित और बेहतर वातावरण मिल सके।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में किए गए प्रयासों को साझा किया। उन्होंने कहा कि बिहार में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें यह बताने की जरूरत नहीं है कि उन्होंने महिलाओं के लिए क्या किया है, क्योंकि बिहार में महिलाएं अब हर क्षेत्र में अग्रणी हैं। मुख्यमंत्री ने खास तौर पर जीविका दीदियों का उल्लेख करते हुए कहा कि वे आज गांव-गांव में महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं। इसके अलावा, बिहार में महिलाओं की सुरक्षा और उनकी भागीदारी को लेकर भी कई बदलाव हुए हैं। उन्होंने बताया कि आज बिहार में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या सबसे अधिक है और महिलाएं आज कहीं भी बेखौफ होकर रात को भी सड़कों पर चल सकती हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लालू-राबड़ी राज पर निशाना साधते हुए कहा कि 2005 से पहले महिलाओं के लिए कोई काम नहीं हुआ था, न ही उनके उत्थान के लिए किसी ने गंभीरता से सोचा था। तब महिलाएं घर से बाहर भी नहीं निकल पाती थीं, लेकिन अब माहौल पूरी तरह से बदल चुका है। महिलाएं अब राज्य के विकास में पूरी तरह से अपना योगदान दे रही हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को दी गई सरकारी सेवाओं में 35 प्रतिशत आरक्षण और पंचायतों तथा नगर निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण की बात भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बदलाव का सबसे बड़ा उदाहरण भारती मेहता हैं, जिन्हें पार्टी ने अध्यक्ष बनाया है और उनसे अपेक्षा की है कि वे महिलाओं को और आगे बढ़ाने में मदद करें। मुख्यमंत्री का यह संदेश स्पष्ट था कि बिहार सरकार महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए लगातार प्रयासरत है और इस दिशा में काम करने के लिए न केवल योजनाएं बनाई जा रही हैं, बल्कि महिलाओं को हर स्तर पर सम्मान और अधिकार दिया जा रहा है। सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं…
पंचायती राज और नगर निकायों में 50 प्रतिशतआरक्षण
- 2006 और 2007 में क्रमशः पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशतआरक्षण लागू किया गया।
सरकारी नौकरियों में आरक्षण
- 2006 से प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति में 50%, 2013 से बिहार पुलिस में 35प्रतिशतऔर 2016 से अन्य सरकारी सेवाओं में 35प्रतिशतआरक्षण लागू किया गया।
शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण
- शैक्षणिक संस्थाओं के नामांकन में 33 प्रतिशतआरक्षण लागू किया गया।
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना
- 3,13,477 लाभार्थियों को 120 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की गई।
मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना
- 194,55,264 लाभार्थियों को 24,12,41,10,000 रुपये की राशि हस्तांतरित की गई।
मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना
- 9वीं कक्षा की छात्राओं को 3,000 रुपये की साइकिल प्रदान की गई (2011-24)।
मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना
- महिला उद्यमियों को 5 लाख रुपये का अनुदान और 5 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना
- 23,218 लाभार्थियों को 5163.65 लाख रुपये की राशि हस्तांतरित की गई।
मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना
- UPSC प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली 102 महिलाओं को एक लाख रुपये और BPSC प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली 1615 महिलाओं को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना
- 2,82,44,169 लाभार्थियों को 6,41,11,94,850 रुपये की राशि हस्तांतरित की गई (2014-24)।
लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
- 8,36,527 लाभार्थियों को 40516.84 लाख रुपये की राशि हस्तांतरित की गई।
मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना (स्नातक)
- 3,77,986 लाभार्थियों को 50,000 रुपये प्रति बालिका की राशि हस्तांतरित की गई (2014-24)।
मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना (+12 कक्षा)
- 2,85,522 लाभार्थियों को 25,000 रुपये प्रति बालिका की राशि हस्तांतरित की गई (2014-24)।