बिहार:- मुजफ्फरपुर जिले में रेलवे स्टेशन से एक मंदिर को तोड़े जाने के विरोध में आज हजारों की संख्या में हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। “मंदिर वहीं बनाएंगे” के नारे के साथ प्रदर्शनकारियों ने बैनर और पोस्टर लेकर शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर अपनी आवाज उठाई। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी, ताकि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके। प्रदर्शनकारियों ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि रेलवे प्रशासन को उन्हें मंदिर बनाकर देना चाहिए। शहर के प्रमुख स्थानों जैसे कलमबाग चौक, अघोरिया बाजार, हरीसभा चौक, कल्याणी चौक, धर्मशाला, मोतीझील और सरैयागंज टावर पर हिंदूवादी संगठनों के सदस्यों ने आम लोगों से बंद का समर्थन करने की अपील की। इस दौरान कई दुकानदारों ने नैतिक समर्थन दिखाते हुए अपनी दुकानें बंद रखीं।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि हिंदुओं के आत्म सम्मान और आस्था के केंद्र को जिस तरह से रेलवे प्रशासन ने रातों-रात तोड़ दिया, इसके खिलाफ हम लगातार गुहार लगा रहे थे। लेकिन हमारी बात को अनसुना किया गया। इसलिए हमें सड़कों पर उतरने का निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मांग है कि मंदिर को उसी स्थान पर पुनर्स्थापित किया जाए, जहां वह दशकों से स्थापित था।
प्रदर्शनकारियों ने रेलवे प्रशासन पर आरोप लगाया कि यह कार्रवाई जानबूझकर की गई थी। इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन में आम लोगों का समर्थन भी मिल रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह मुद्दा केवल हिंदूवादी संगठनों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे समुदाय की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। प्रदर्शन में शामिल लोग अपनी आवाज को और मजबूत बनाने के लिए आगे भी संघर्ष करने की बात कर रहे हैं, और उनके नारे इस बात की गवाही दे रहे हैं कि वे अपने अधिकारों के लिए लडने के लिए तैयार हैं।