पंजाब सरकार ने अवैध शराब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए बठिंडा के गांव कोटशमीर में नवराज ढाबे पर छापेमारी कर दो गुजरात नंबर के ट्रकों से 80 हजार लीटर इथेनॉल जब्त किया है। इस कार्रवाई में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से चार पंजाब के बठिंडा, दो उत्तर प्रदेश और दो नेपाल के रहने वाले हैं। यह कार्रवाई मजीठा में जहरीली शराब से हुई 28 मौतों के बाद पहली बार इस स्तर पर की गई है।
गुजरात से आ रहे थे ट्रक, चोरी कर बना रहे थे नकली शराब
वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि जब्त किए गए ट्रक गुजरात में पंजीकृत हैं, जहाँ शराब पर प्रतिबंध है। पकड़ा गया इथेनॉल गुरदासपुर के दीनानगर स्थित एक डिस्टिलरी से लाया जा रहा था। इसे अवैध रूप से दूसरे राज्यों में भेजा जाना था।
जांच में सामने आया कि कोटशमीर के नजदीक नवराज ढाबे का मालिक गुरजीत सिंह अपने साथियों के साथ मिलकर इन ट्रकों से इथेनॉल चोरी कर नकली देसी शराब तैयार करता था और उसे आसपास के ग्रामीण इलाकों में सप्लाई करता था।
छापेमारी में दो कारें भी जब्त, मौके से रंगे हाथ गिरफ्तार
गुप्त सूचना के आधार पर आबकारी विभाग और थाना सदर बठिंडा पुलिस ने मिलकर लगभग आठ घंटे चले ऑपरेशन में छापा मारा। मौके से ट्रकों के चालक सुखविंदर सिंह (कनौज, यूपी) और बबलू (हसनपुर, यूपी), ढाबा मालिक गुरजीत सिंह, और अन्य सहयोगी गुरशरण सिंह, चरणजीत सिंह, अमनदीप सिंह, तथा नेपाल के दो नागरिक राज कुमार और आकाश को गिरफ्तार किया गया।
छापे के दौरान दो कारें—HR-26CY-2961 (इनोवा) और PB-03KY-5567 भी जब्त की गईं, जिनका इस्तेमाल ट्रकों की निगरानी व समन्वय में किया जा रहा था।
कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए आरोपी
विजिलेंस व आबकारी टीम के अनुसार, ट्रक चालकों के पास इथेनॉल से संबंधित कोई वैध बिल या दस्तावेज नहीं था। पूछताछ के दौरान वे यह भी नहीं बता सके कि यह इथेनॉल कहां से आया और इसे कहां पहुंचाया जाना था।
पुलिस करेगी रिमांड पर पूछताछ
थाना सदर बठिंडा पुलिस ने आबकारी इंस्पेक्टर जसवीर सिंह गिल की शिकायत पर सभी आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस सभी आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड पर लेगी, ताकि यह पता लगाया जा सके:
अवैध शराब कहां-कहां भेजी गई?
इस नेटवर्क में और कौन लोग शामिल हैं?
ढाबा मालिक कब से यह धंधा कर रहा था और अब तक कितनी शराब सप्लाई की जा चुकी है?
इथेनॉल का इस्तेमाल
गौरतलब है कि इथेनॉल का प्रयोग अवैध शराब बनाने के अलावा सैनिटाइजर और पेट्रोल में मिलावट के लिए भी किया जाता है। ऐसे में इसकी अवैध तस्करी गंभीर चिंता का विषय है।