जय रुद्रनाथ, जय गोपीनाथ के जयकारों संग शुक्रवार को विधि-विधान से चतुर्थ केदार रुद्रनाथ की उत्सव डोली गोपीनाथ मंदिर में विराजमान हो गई। इस दौरान भगवान गोपीनाथ और रुद्रनाथ की विशेष पूजा संपन्न हुई। अब शीतकाल में छह माह तक रुद्रनाथ भगवान गोपीनाथ मंदिर में ही श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। गोपीनाथ मंदिर परिसर में ही गोपेश्वर गांव के श्रद्धालुओं ने रुद्रनाथ की डोली को अर्घ्य लगाया। 18 अक्टूबर को रुद्रनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे। इसके बाद डोली मौलीखर्क और नंदा देवी मंदिर गंगोल गांव में रात्रि प्रवास के लिए पहुंची।
सुबह सात बजे आचार्य ब्राह्मणों ने रुद्रनाथ भगवान की विशेष पूजा की। इसके बाद राजभोग लगाया गया। महिला मंगल दल ने नंदा देवी मंदिर परिसर में कीर्तन-भजन का आयोजन किया गया। दोपहर एक बजे रुद्रनाथ की उत्सव डोली ने भक्तों के साथ गोपीनाथ मंदिर के लिए प्रस्थान किया। श्रद्धालुओं ने जगह-जगह डोली का फूल मालाओं से स्वागत किया। दोपहर साढ़े तीन बजे रुद्रनाथ की डोली गोपीनाथ मंदिर परिसर में पहुंची। यहां श्रद्धालुओं ने भगवान रुद्रनाथ के दर्शन किए और मनौतियां मांगीं। रुद्रनाथ के पुजारी जनार्दन तिवारी ने बताया, इस वर्ष रुद्रनाथ मंदिर में देश-विदेश के 10,000 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे थे।