पाखरो रेंज घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इनमें दो तत्कालीन डीएफओ – अखिलेश तिवारी और किशन चंद – तथा दो तत्कालीन रेंजर – बृज बिहारी शर्मा और मथुरा सिंह – शामिल हैं।
ईडी की जांच के अनुसार, इन अधिकारियों पर जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर अवैध निर्माण कराने और सरकारी धन का दुरुपयोग करने का आरोप है।
क्या है पाखरो रेंज घोटाला?
2019 में पाखरो रेंज के 106 हेक्टेयर वन क्षेत्र में टाइगर सफारी निर्माण कार्य की योजना बनाई गई थी। हालांकि, इस परियोजना को बिना उचित अनुमति के शुरू कर दिया गया। जांच में सामने आया कि अधिकारियों ने ठेकेदारों की मिलीभगत से करीब ₹215 करोड़ की सरकारी राशि बर्बाद कर दी।
घोटाले का खुलासा तब हुआ जब पाखरो क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई और निर्माण कार्य की शिकायतें सामने आईं। इसके बाद इस पूरे मामले की जांच शुरू की गई।
हरक सिंह रावत भी जांच के घेरे में
ईडी की जांच में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय इस पूरे प्रकरण में उनकी संलिप्तता की भी जांच कर रही है।